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‘जन गण मन’ राष्ट्रगान बनाने के पीछे क्या कारण था?

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जब  1911  में कलकत्ता से दिल्ली को राजधानी के रूप में स्थानांतरित किया गया तब दिल्ली दरबार का आयोजन हुआ था, जिसमें इंग्लैंड के राजा जॉर्ज पंचम को आमंत्रित किया गया था. ऐसा कहा जाता है कि रवीन्द्रनाथ टैगोर को उनके स्वागत में एक गीत लिखने को कहा गया था. उस समय टैगोर परिवार के कई लोग ईस्ट इंडिया कंपनी में काम किया करते थे. इसलिए रवीन्द्रनाथ टैगोर से जब गीत लिखने को कहा तो उन्होंने बंगाली भाषा में‘जन गण मन’को एक कविता के रूप में लिखा था.

जानें ‘जन गण मन’ भारत का राष्ट्रगान कब और क्यों बना

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‘जन गण मन’  भारत का राष्ट्रगान है, जिसे  रविन्द्रनाथ टैगोर  ने बंगाली भाषा में लिखा था. यह हमारे देश के इतिहास और परंपरा को दर्शाता है. यह सभी देशवासियों को एकजुट करता है और एक अलग पहचान देता है.  24 जनवरी, 1950  को संविधान सभा द्वारा‘जन गण मन’ के हिन्दी संस्करण को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया था. गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रा दिवस के अवसर पर देश के सभी स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालयों में एवं अब तो सिनेमाघरों में भी फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाता है. राष्ट्रगान के गायन की अवधि  52  सेकेण्ड है, परन्तु कुछ अवसरों पर इसको संक्षिप्त में भी गाया जाता है, जिसमें केवल  20  सेकेण्ड ही लगते हैं क्योंकि उस समय राष्ट्रगान की पहली और अंतिम पंक्तियों को ही गाया जाता है. इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि सर्वप्रथम राष्ट्रगान कब गाया गया था और इसको गाने के पीछे क्या कारण था.  ‘जन गण मन’ कब गाया गया था  क्या आप जानते है कि सन  1911  तक भारत की राजधानी   बंगाल   हुआ करती थी.  1905  में जब बंगाल विभाजन...

विश्व के प्रसिद्ध और आश्चर्यजनक गुफाओं की सूची

एक गुफा मैदान पर स्थित एक खोखली जगह है, जिसका निर्माण प्राकृतिक रूप से चट्टान की नमी के कारण होता है और यह अक्सर भूमिगत रूप में फैला होता हैl इसे समुद्री गुफा, रॉक शेल्टर और ग्रोटोस जैसे छोटे सुराखों के रूप में भी संदर्भित किया जाता हैl यहां, हम विश्व की प्रसिद्ध और आश्चर्यजनक गुफाओं की सूची दे रहे हैं जो न केवल विभिन्न परीक्षाओं के इच्छुक लोगों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाएगा बल्कि सामान्य पाठकों के लिए भी लाभकारी होगाl विश्व के प्रसिद्ध और आश्चर्यजनक गुफाओं की सूची 1.  अगगटेलेक गुफा स्थान:  उत्तरी हंगरी विशेषता:  यह कैल्शियम कार्बोनेट के जमाव से निर्मित 5 मील लंबी गुफा हैl 2.  अल्तामिरा गुफा स्थान:  सैंटेंडर, स्पेन विशेषता:  यह गुफा पाषाण युगिन पशु चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध है   । 3.   अन्तिपरोस  गुफा स्थान:  ग्रीसियन द्वीपसमूह विशेषता:  यह समुद्र तल से 177 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और अपने वातावरण, शानदार रंग और शानदार आकार के लिए प्रसिद्ध है। 4.  ब्लू ग्रॉटो   गुफा स्थान:  कैपरी द्वीप, इटली ...

भारत में चीन द्वारा फंड प्राप्त करने वाली कंपनियों की सूची

भारत की सबसे बड़ी क्रय शक्ति और विशाल बाजार दुनिया भर के व्यापारियों एवं निवेशकों को आकर्षित कर रही हैl यही कारण है कि आज के समय में चीनी निवेशक और प्रौद्योगिकी उद्यमी भारत में मोबाइल गेमिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय प्रौद्योगिकी और इंटरनेट से जुड़ी चीजों (आईओटी) जैसे क्षेत्रों में भारतीय स्टार्ट-अप कंपनियों के साथ विशाल मात्रा में निवेश कर रहे हैंl यहां, हम सामान्य ज्ञान की दृष्टि से भारत में चीन द्वारा फंड प्राप्त करने वाली कंपनियों की सूची दे रहे हैंl भारत में चीन द्वारा फंड प्राप्त करने वाली कंपनियों की सूची 1.  पेटीएम (Paytm- Pay Through Mobile)                 पेटीएम (Pay Through Mobile) एक भारतीय इलेक्ट्रॉनिक भुगतान एवं ई-कॉमर्स कंपनी हैl लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इसकी अवधारणा, प्रेरणा और निवेश का संबंध चीन से हैl यह भारत की पहली कंपनी है जिसको स्थापित करने के लिए चीनी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा से निवेश प्राप्त हुआ था, जो अब बढ़कर 625 मिलियन डॉलर से भी अधिक हो गया हैl 2.  हइक मैसेंजर (Hike Messenger ) ...

1400 साल पुरानी सूर्य घड़ी

राजा और राजवंश अब इतिहास बन चुके हैं, लेकिन उनके द्वारा तैयार कुछ उपकरण उनके समय की कहानी बताते हैं. ऐसा ही एक ऐतिहासिक उपकरण तमिलनाडु के तंजावुर जिले से करीब 12 किलोमीटर दूर तिरुविसानालुर के शिवोगिनाथर मंदिर की 35 फीट ऊंची दीवार पर स्थित  1,400 वर्षीय सूर्य घड़ी  है. वास्तविक तौर पर तमिलनाडु में यही एक “दीवार घड़ी” हैं. मंदिर के अधिकारियों ने ऐतिहासिक विरासत को फिर से शुरू करने का फैसला किया है, जो चोल राजाओं के असीम ज्ञान और वैज्ञानिक स्वभाव का प्रमाण है. चोल के राजा परान्तक  शासन के दौरान निर्मित दीवार घड़ी में बैटरी या बिजली की आवश्यकता नहीं होती है. एक अर्ध-मंडल की तरह इसको आकार दिया गया है और ग्रेनाइट से खुदी हुई है. इसमें तीन इंच लम्बी पीतल की सुई है जो कि क्षैतिज रेखा के केंद्र में स्थायी रूप से लगाई गई है. जैसे ही सूरज की किरणें सुई पर पड़ती है, सुई की परछाई सही समय बताती है. मंदिर आने वाले अधिकांश भक्त दिन के समय में सुबह छः बजे से लेकर शाम के छः बजे तक सूर्य घड़ी की सुई को देखकर अपने काम-काज का निर्धारण करते है. घड़ी तब तक चलती है जब तक  सूरज की किरणें ...

क्या आपको पता है, मस्तिष्क में “डिलीट” बटन होता है?

न्यूरोसाइंस (neuroscience) के अनुसार मस्तिष्क में एक न्यूरो सर्किट होता है, जिसे आप जितना इस्तेमाल करते हैं यह उतना ही मजबूत हो जाता है. एक कहावत भी है कि  अभ्यास से ही मनुष्य या जानवर परिपूर्ण बनते हैं  (practice makes perfect). इसे हम ऐसे समझ सकते है कि जब हम कोई भाषा या कोई इंस्ट्रूमेंट सीखना प्रारंभ करते हैं, तो हमें बार-बार रियाज़ या प्रैक्टिस करनी पड़ती है, उसी तरह से हमारे मस्तिष्क में स्थित न्यूरो सर्किट को भी बार-बार इस्तेमाल करने पर वह मजबूत हो जाता है.         सीखने की क्षमता न्यूरल कनेक्शन के निर्माण को मजबूत करने से बढ़ती जाती है. इससे भी ज़्यादा महत्वपूर्ण यह है कि हम पुरानी बातों को या फिर समय के साथ पुरानी घटना को भूलने की क्षमता रखते हैं. इसी को  "अन्तर्ग्रथनी छंटाई"  (synaptic pruning) कहते है. देखते हैं यह कैसे काम करता हैं.

आपका मस्तिष्क जानता है क्या रखना है और क्या नहीं

जब आप सोते है तो मस्तिष्क उन कनेक्शन को डिलीट कर देता है जिसे आपने काफी टाइम से इस्तेमाल ना किया हो. इसलिए कहते है कि मस्तिष्क को भी शोधन की आवश्यकता होती है और इस बारे में सावधान रहें कि आप किस बारे में सोच रहे हैं. अपने मस्तिष्क की प्राकृतिक बागवानी प्रणाली का लाभ उठाने के लिए, बस उन चीजों के बारे में सोचें जो आपके लिए महत्वपूर्ण हैं. आपका मस्तिष्क उन कनेक्शनों को मजबूत करता है जिनका इस्तेमाल आप अपने जीवन प्रणाली में अधिकतर करते है और उन विचारों को छाटेंगे जिनके बारे में आप कम सोचते है या जिन चीजों पर आप कम ध्यान देते हैं. हमेशा अच्छा सोचें, पॉजिटिव रहें ताकि आपका मस्तिष्क भी उसी दिशा में काम करें.