पीने पानी के नाम पर किस पर विश्वास करेंगे. ये सवाल इस खबर को पढ़ने के बाद जरूर दिमाग में चलेगा. 20 रूपए की पानी की बोतल खरीद कर पीना भी सेफ नहीं है. मिनरल वॉटर के नाम पर हम जो बोतल खरीदते हैं उनमें भी घुला हुआ प्लास्टिक है. देश में बिस्लेरी, एक्वाफिना, एक्वा, नेस्ले प्योर और ईवियन समेत हर बड़ी कंपनी की पानी की बोतलों में घुला हुआ या महीन प्लास्टिक के कण पाए गए हैं. ये सेहत के लिए कितना खतरनाक है ये बाद में बताते हैं, पहले ये जान लीजिए कि इन बोतलों में पाए जाने वाले प्लास्टिक के कणों यानी माइक्रोप्लास्टिक पार्टिकल की मात्रा नल के पानी में पाए जाने वाले पार्टिकल्स से दोगुनी है. अमेरिका में न्यूयॉर्क की स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता शेरी मेसन ने एक रिसर्च की है. इसकी समरी को को अब Orb Media नाम की एक वेबसाइट ने इसे छापा है. ये प्लास्टिक पर काफी काम करता रहा है. रिसर्च में भारत समेत ब्राजील, चाइना, इंडोनेशिया, केन्या, लेबनान, मैक्सिको, थाइलैंड और यूएस में पैकेज्ड वॉटर की क्वालिटी की जांच की गई है. रिसर्च के मुताबिक हर देश के 27 अलग-अलग लॉट से 250 सैंपल उठाए गए और पाया कि इन बड़ी ...